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सीएसआईआर और एनबीआरआई की ईजाद की गई मधुमेह यानी डायबिटीज पर कामयाब हुई दवा बीजीआर 34 ने दुनिया के टॉप 20 ब्रांड्स में अपनी जगह बना ली है. बीजीआर 34 अपनी गुणवत्ता और लोकप्रियता के मानकों पर 14वें पायदान पर रही. हैरानी की बात है कि बाकी सभी 19 दवाएं ऐलोपैथिक पद्धति से बनाई गई हैं. बीजीआर 34 इकलौती आयुर्वेदिक और भारतीय चिकित्सा पद्धति के आधार पर बनाई गई वैज्ञानिक दवा है.

ऑल इंडिया ओरिजिन केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स लिमिटेड यानी एआईओसीडी ने पिछले दो सालों में 6367 दवाओं का अध्ययन किया. अध्ययन के दौरान दवा के ब्रांड की बिक्री, मरीजों पर असर, साइड इफेक्ट सहित रैंकिग और मैट वैल्यू जैसे मानकों पर दवा को कसा जाता है. इसके बाद क्रमवार दर्जा दिया जाता है. इन सभी मानकों पर कसने के लिए सभी चिकित्सा पद्धतियों की टॉप दवाएं शामिल की गई थीं. पहली बार ऐसा हुआ है कि आयुर्वेदिक दवा शीर्ष 20 दवाओं के ब्रांड में शामिल हुई है.

इस उपलब्धि पर सीएसआईआर ने तो संतोष जताया ही है लेकिन सीएसआईआर के फार्मूले पर इस दवा का उत्पादन करने वाले एमिल फार्मा के चेयरमैन के के शर्मा ने कहा कि आधुनिक मानकों के मुताबिक आयुर्वेद की ये चमत्कारिक दवा तैयार करने का सेहरा सीएसआईआर के वैज्ञानिकों और उनकी अथक मेहनत को जाता है. यानी आयुर्वेद के फार्मूलों का अनुसंधान किया जाए तो और भी चमत्कार संभव हैं.

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