वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को भी देश भर में पहुंचाएगी सरकार

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WHO विश्व योग दिवस के दिन लॉंच करेगा खास एप, जो देगा योग, डायबिटीज सहित इन बीमारियों की जानकारी

हेल्थ डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अब आयुर्वेद को नया रूप देने जा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने मोबाइल एप के जरिए न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया भर में योग के साथ-साथ मधुमेह और हाइपरटेंशन जैसी आधुनिक जीवनशैली से जुड़े रोगों के बारे में जानकारी देने का फैसला लिया है। इस मोबाइल एप को आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लांच किया जा सकता है।

देश भर में खुल रहे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को भी एप से जोड़ा जाएगा ताकि आयुष मंत्रालय के साढ़े 12 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लोगों की पहुंच हो सके।

एप में हर प्रकार के योगासन के अलावा मधुमेह से जुड़े भारतीय वैज्ञानिकों के शोध बीजीआर-34 सहित आयुर्वेदिक दवाओं की जानकारी मिलेगी। सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने हिमाचल की 500 औषधियों पर रिसर्च के बाद इस दवा को तैयार किया था। इसके अलावा दिल से जुड़ी बीमारियों से कैसा बचा जा सकता है, इसके बारे में लोगों को पता चल सकेगा।

केंद्र सरकार के नई दिल्ली स्थित मोरारजी देसाई योग इंस्टीट्यूट के निदेशक और आयोजन समिति से जुड़े डॉ. बीएस रेड्डी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने पहली बार आयुष मंत्रालय के साथ आयुर्वेद को लेकर करार किया है। उनके संस्थान से भी डब्ल्यूएचओ का करार हुआ है। मोबाइल एप के जरिए योग के सभी आसान के बारे में विस्तार से से बताया जाएगा। इसके अलावा मधुमेह, दिल और हाइपरटेंशन रोग व उनके आयुर्वेद उपचार के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा।

डॉ. रेड्डी के अनुसार, पीएम मोदी की पहल के बाद आयुष मंत्रालय को एनिमेटेड योग वीडियो का काफी अच्छा परिणाम देखने को मिला है। इसीलिए सभी योगासन को एनिमेटेड वीडियो के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, 21 जून को रांची में प्रधानमंत्री मोदी के साथ 30 हजार लोग योग कर सकते हैं। आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने हाल ही में कहा था कि सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में आयुष डॉक्टर की तैनाती करने की तैयारी है। 2016 में राजस्थान के भीलवाड़ा, गुजरात के सुरेंद्र नगर और बिहार के गया में इसका पायलट प्रोजेक्ट भी चला था। इन जिलों में बीजीआर-34 जैसी दवाओं के साथ रोगियों का उपचार किया गया था जिसकी सफलता के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है।

इसके अलावा देश के कुछ नामी-गिरामी योग गुरुओं ने एक साथ मिलकर योग आसनों का एक सामान्य निर्दिष्ट अनुक्रम (कॉमन योग प्रोटोकॉल) विकसित किया है। यह 45 मिनट की अवधि के योगासनों का कार्यक्रम है जो विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के तन और मन दोनों को स्वस्थ बनाता है। कॉमन योग प्रोटोकॉल की सीडी और ई-बुक आयुष मंत्रालय की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है। मंत्रालय विभिन्न सहयोगी संगठनों के माध्यम से भी इन्हें वितरित कर रहा है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार इस बार योगलोकेटर एप की मदद से आम जनता को योग प्रशिक्षकों, योग केन्द्रों और मुफ्त योग आयोजनों की जानकारी मिलेगी। वहीं, भुवन मोबाइल एप के जरिए योग दिवस के कार्यक्रमों के स्थान, प्रतिभागियों, आयोजकों और प्रशिक्षकों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। इस बार देश भर के 20 हजार केंद्रों से वीडियो के जरिए योग कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण होगा। सभी वालंटियर्स को भुवन मोबाइल एप का इस्तेमाल भी बताया जाएगा। इसके अलावा लोगों को हरित उत्पाद इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के असर पर दिल्ली में मुख्य आयोजन राजपथ पर होगा। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर इसका आयोजन करेगी। मुख्य आयोजन के अलावा लालकिला, नेहरू पार्क, लोधी गार्डन, तालकटोरा गार्डन, यमुना स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, रोहिणी के स्वर्ण जयंती पार्क और द्वारका सेक्टर 11 में भी योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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योग के साथ अब डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों की भी जानकारी देगा WHO का यह एप

डब्ल्यूएचओ ने मोबाइल एप के जरिए न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया भर में योग के साथ-साथ मधुमेह और हाइपरटेंशन जैसी आधुनिक जीवनशैली से जुड़े रोगों के बारे में जानकारी देने का फैसला लिया है.

नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अब आयुर्वेद को नया रूप देने जा रहा है. डब्ल्यूएचओ ने मोबाइल एप के जरिए न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया भर में योग के साथ-साथ मधुमेह और हाइपरटेंशन जैसी आधुनिक जीवनशैली से जुड़े रोगों के बारे में जानकारी देने का फैसला लिया है. इस मोबाइल एप को आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लांच किया जा सकता है. देश भर में खुल रहे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को भी एप से जोड़ा जाएगा ताकि आयुष मंत्रालय के साढ़े 12 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लोगों की पहुंच हो सके. एप में हर प्रकार के योगासन के अलावा मधुमेह से जुड़े भारतीय वैज्ञानिकों के शोध बीजीआर-34 सहित आयुर्वेदिक दवाओं की जानकारी मिलेगी.

सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने हिमाचल की 500 औषधियों पर रिसर्च के बाद इस दवा को तैयार किया था. इसके अलावा दिल से जुड़ी बीमारियों से कैसा बचा जा सकता है, इसके बारे में लोगों को पता चल सकेगा. केंद्र सरकार के नई दिल्ली स्थित मोरारजी देसाई योग इंस्टीट्यूट के निदेशक और आयोजन समिति से जुड़े डॉ. बीएस रेड्डी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने पहली बार आयुष मंत्रालय के साथ आयुर्वेद को लेकर करार किया है. उनके संस्थान से भी डब्ल्यूएचओ का करार हुआ है. मोबाइल एप के जरिए योग के सभी आसान के बारे में विस्तार से से बताया जाएगा. इसके अलावा मधुमेह, दिल और हाइपरटेंशन रोग व उनके आयुर्वेद उपचार के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा.

डॉ. रेड्डी के अनुसार, पीएम मोदी की पहल के बाद आयुष मंत्रालय को एनिमेटेड योग वीडियो का काफी अच्छा परिणाम देखने को मिला है. इसीलिए सभी योगासन को एनिमेटेड वीडियो के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाएगा. आयुष मंत्रालय के अनुसार, 21 जून को रांची में प्रधानमंत्री मोदी के साथ 30 हजार लोग योग कर सकते हैं. आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने हाल ही में कहा था कि सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में आयुष डॉक्टर की तैनाती करने की तैयारी है. 2016 में राजस्थान के भीलवाड़ा, गुजरात के सुरेंद्र नगर और बिहार के गया में इसका पायलट प्रोजेक्ट भी चला था. इन जिलों में बीजीआर-34 जैसी दवाओं के साथ रोगियों का उपचार किया गया था जिसकी सफलता के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है.

इसके अलावा देश के कुछ नामी-गिरामी योग गुरुओं ने एक साथ मिलकर योग आसनों का एक सामान्य निर्दिष्ट अनुक्रम (कॉमन योग प्रोटोकॉल) विकसित किया है. यह 45 मिनट की अवधि के योगासनों का कार्यक्रम है जो विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के तन और मन दोनों को स्वस्थ बनाता है. कॉमन योग प्रोटोकॉल की सीडी और ई-बुक आयुष मंत्रालय की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है. मंत्रालय विभिन्न सहयोगी संगठनों के माध्यम से भी इन्हें वितरित कर रहा है.

आयुष मंत्रालय के अनुसार इस बार योगलोकेटर एप की मदद से आम जनता को योग प्रशिक्षकों, योग केन्द्रों और मुफ्त योग आयोजनों की जानकारी मिलेगी. वहीं, भुवन मोबाइल एप के जरिए योग दिवस के कार्यक्रमों के स्थान, प्रतिभागियों, आयोजकों और प्रशिक्षकों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है. इस बार देश भर के 20 हजार केंद्रों से वीडियो के जरिए योग कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण होगा. सभी वालंटियर्स को भुवन मोबाइल एप का इस्तेमाल भी बताया जाएगा. इसके अलावा लोगों को हरित उत्पाद इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के असर पर दिल्ली में मुख्य आयोजन राजपथ पर होगा. नई दिल्ली नगर पालिका परिषद आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर इसका आयोजन करेगी. मुख्य आयोजन के अलावा लालकिला, नेहरू पार्क, लोधी गार्डन, तालकटोरा गार्डन, यमुना स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, रोहिणी के स्वर्ण जयंती पार्क और द्वारका सेक्टर 11 में भी योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन जारी करेगा खास ऐप

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अब भारतीय आयुर्वेद को नई पहचान देने जा रहा है. संगठन ने अब योग के साथ-साथ मधुमेह, दिल से जुड़ी बीमारियों और हाइपरटेंशन जैसे रोगों के बारे में मोबाइल ऐप के जरिए जानकारी देने का फैसला किया है. इस ऐप को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर लॉन्च किया जा सकता है.

इस मोबाइल ऐप में कई प्रकार के योगासन के अलावा मधुमेह से जुड़े भारतीय वैज्ञानिकों के शोध बीजीआर-34 सहित आयुर्वेद दवाओं की जानकारी भी मिलेगी. बताया जा रहा है कि इन दवाइयों को सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने हिमाचल की 500 औषधियों पर रिसर्च के बाद तैयार किया है. देश भर में खुल रहे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को भी ऐप से जोड़ा जाएगा, ताकि आयुष मंत्रालय के साढ़े 12 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लोगों की पहुंच हो सके.

नई दिल्ली स्थित मोरारजी देसाई योग इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ. बीएस रेड्डी के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने पहली बार आयुष मंत्रालय के साथ आयुर्वेद को लेकर करार किया है. उनके संस्थान से भी डब्ल्यूएचओ का करार हुआ है.

उन्होंने कहा कि इस ऐप के जरिए योग के सभी आसान के बारे में विस्तृत रुप से बताया जाएगा. इसके अलावा मधुमेह, दिल और हाइपरटेंशन रोग व उनके आयुर्वेद उपचार के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा.

डॉ. रेड्डी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद आयुष मंत्रालय को एनिमेटिड योग वीडियो का काफी अच्छा परिणाम देखने को मिला है. इसीलिए सभी योगासन को एनिमेटिड वीडियो के जरिए लोगों तक पहुंचाया जाएगा.

बता दें कि आयुष मंत्रालय के अनुसार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को रांची में पीएम मोदी के साथ 30 हजार लोग योग कर सकते हैं. आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने हाल ही में कहा है कि सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में आयुष डॉक्टर की तैनाती करने की तैयारी है.

2016 में राजस्थान के भीलवाड़ा, गुजरात के सुरेंद्र नगर और बिहार के गया में इसका पायलट प्रोजेक्ट भी चला था. इन जिलों में बीजीआर-34 से जैसी दवाओं के साथ रोगियों का उपचार किया था जिसकी सफलता के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है.

इसके अलावा देश के कुछ योग गुरूओं ने एक साथ मिलकर योग आसनों का एक कॉमन योग प्रोटोकॉल विकसित किया है. यह 45 मिनट की अवधि के योगासनों का कार्यक्रम है जो विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के तन और मन दोनों को स्वस्थ बनाता है.

योग दिवस के दिन कॉमन योग प्रोटोकॉल की सीडी और ई-बुक आयुष मंत्रालय की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है. जानकारी के अनुसार आयुष मंत्रालय विभिन्न सहयोगी संगठनों के माध्यम से भी इन्हें वितरित कर रहा है

गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दिल्ली में मुख्य आयोजन राजपथ पर होगा. नई दिल्ली नगर पालिका परिषद आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर इस का आयोजन करेगी. मुख्य आयोजन के अलावा लालकिला, नेहरू पार्क, लोधी गार्डन, तालकटोरा गार्डन, यमुना स्पोट्र्स कम्पलैक्स, रोहिणी के स्वर्ण जयंती पार्क और द्वारका सेक्टर 11 में भी योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

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एप से होगा मधुमेह और अन्य बीमारियों का इलाज, डब्ल्यूएचओ ने किया भारत से करार

भारतीय प्राचीन चिकित्सा पद्घति आयुर्वेद पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत से पहली बार करार किया है। इसके तहत डब्ल्यूएचओ एक मोबाइल एप लांच करेगा, जिसके जरिये दुनियाभर में लोगों को तमाम योगासनों की जानकारी दी जाएगी मधुमेह, हाइपरटेंशन और दिल से जुड़े रोगों से बचाव के उपाय भी बताए जाएंगे। आगामी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एप को लांच किया जा सकता है। इसमें मधुमेह से जुड़े भारतीय वैज्ञानिकों के शोध बीजीआर-34 सहित आयुर्वेद दवाओं की जानकारी भी मिलेगी।

सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने हिमाचल की 500 औषधियों पर रिसर्च के बाद इस दवा को तैयार किया था। देश में खुल रहे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को भी एप से जोड़ा जाएगा।

केंद्र सरकार के नई दिल्ली स्थित मोरारजी देसाई योग इंस्टीट्यूट के निदेशक और आयोजन समिति से जुड़े डॉ. बीएस रेड्डी ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने पहली बार आयुष मंत्रालय के साथ आयुर्वेद पर करार किया है। उनके संस्थान से भी डब्ल्यूएचओ का करार हुआ है। मोबाइल एप के जरिए योग के सभी आसन के बारे में विस्तृत रूप से बताया जाएगा।

पीएम मोदी की पहल के बाद आयुष मंत्रालय को एनिमेटिड योग वीडियो का काफी अच्छा परिणाम देखने को मिला है। इसलिए सभी योगासन को एनिमेटिड वीडियो के जरिये लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, 21 जून को रांची में पीएम मोदी के साथ 30 हजार लोग योग कर सकते हैं। आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने हाल ही में कहा था कि सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में आयुष डॉक्टर की तैनाती करने की तैयारी है। 2016 में राजस्थान के भीलवाड़ा, गुजरात के सुरेंद्र नगर और बिहार के गया में इसका पायलट प्रोजेक्ट भी चला था।

इन जिलों में बीजीआर-34 से जैसी दवाओं के साथ रोगियों का उपचार किया था, जिसकी सफलता के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है। इसके अलावा देश के कुछ जाने-माने योग गुरुओं ने एक साथ मिलकर योगासनों का एक सामान्य निर्दिष्ट अनुक्रम (कॉमन योग प्रोटोकॉल) विकसित किया है।

यह 45 मिनट की अवधि के योगासनों का कार्यक्रम है, जो विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के तन-मन दोनों को स्वस्थ बनाता है। कॉमन योग प्रोटोकॉल की सीडी और ई-बुक आयुष मंत्रालय की वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है।

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Modi 2.0 eyes big push for allopathy, Ayush integration

DPP-4 inhibitors are a class of drugs used to lower blood sugar in adults with Type-2 diabetes.

New Delhi: Having delivered on its previous poll promise by rolling out Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (AB-PMJAY) in its first term, Narendra Modi 2.0 is all set to strengthen the mega public health initiative by integrating traditional medical therapy with allopathy at public health centres (PHCs) in a big way to arrest rising chronic diseases such as diabetes and obesity.

Union Ayush minister Shripad Naik recently said, “All PHCs (renamed as wellness and health centres) will now have Ayush doctors besides allopathy practitioners. People would be introduced to alternative medicine through such measures.”

The need to appoint Ayush doctors has been increasingly felt at the PHCs level following the success of a pilot project launched in 2016 in three districts — Bhilwara (Rajasthan), Surendranagar (Gujarat) and Gaya (Bihar) — wherein targeted beneficiaries are being given ayurveda drugs, dietary regimen and yoga classes to treat non-communicable diseases.

For instance, the CSIR developed anti-diabetic ayurvedic drug BGR 34 has proved a milestone in curing diabetic disease, a Council of Scientific and Industrial Research’s (CSIR) official said.

Replying to a written question in the Rajya Sabha in the previous term, Mr Naik too had said that jointly developed after standardisation and pre-clinical studies by the CSIR’s two labs — Central Institute of Medicinal and Aromatic Plants (CIMAP) and National Botanical Research Institute (NBRI), BGR-34 is meant to be used by patients of newly diagnosed diabetes only as a measure of management of the disease. The drug is marketed by Delhi-based AIMIL Pharmaceuticals. “BGR-34 is a natural DPP-4 (dipeptidyl peptidase 4) inhibitor with no side effects,” said Sanchit Sharma from AIMIL.

DPP-4 inhibitors are a class of drugs used to lower blood sugar in adults with Type-2 diabetes.

CSIR officials said that BGR-34 is a scientifically developed drug that has been produced by completing various medical tests and is proving very beneficial in controlling diabetes.

In view of the rising chronic lifestyle diseases, the Ayush ministry is also in the process of identifying 12,500 wellness and health centres across the country for rendering Ayush services at the grass-root level with special reference to preventive health care, said an official.

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एप से होगा मधुमेह और अन्य बीमारियों का इलाज

सीएसआईआर और आयुष विभाग के बीच समझौता

आयुर्वेद के फार्मूले खंगालकर नयी दवाएं बनाएगा सीएसआईआर

भारतीय हर्बल औषधि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय, सीएसआईआर के बीच समझौता

नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) आयुष मंत्रालय और देश की प्रमुख अनुसंधान एजेंसी, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने वैश्विक बाजार में भारतीय हर्बल उत्पादों की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए परंपरागत औषधि के जरिये आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों का पता लगाने के लिए एक समझौता किया है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों संगठनों के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार अनुसंधान और विकास, आयुष-विशिष्ट निदान उपकरण, बहु-घटक हर्बल तरीकों और उनके मानकीकरण पर जोर दिया जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि विभिन्न सीएसआईआर प्रयोगशालाओं ने पहले भी इस दिशा में पहल की है। उदाहरण के लिए केन्द्रीय औषधीय एव सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) और राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से कुछ वर्ष पहले मधुमेह रोधी हर्बल दवा बीजीआर-34 विकसित की थी। केन्द्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और महानिदेशक, सीएसआईआर डा.शेखर सी मांडे ने हाल में एमओयू पर हस्ताक्षर किये थे।

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