लोकसभा में शुक्रवार को केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने बताया कि डायबिटीज रोगियों को बीजीआर-34 एंटी डायबिटीज मेडिसिन से काफी लाभ पहुंच रहा है.
- देश में 2025 तक 6.99 करोड़ तक पहुंच सकती है डायबिटीज रोगियों की संख्या
- आयुष ग्रिड की स्थापना में जुटी है मोदी सरकार, कई जिलों में चल रहे कार्यक्रम
देश में टाइप-2 डायबिटीज रोगियों के लिए बनाई गई दवा बीजीआर-34 के बारे में एक दिलचस्प खुलासा हुआ है. यह खुलासा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक शोध में हुआ में हुआ है.
दरअसल, लोकसभा में शुक्रवार को केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने बताया कि डायबिटीज रोगियों को बीजीआर-34 एंटी डायबिटीज मेडिसिन से काफी लाभ पहुंच रहा है. मंत्रालय के अधीन सीएसआईआर ने गहन अध्ययन और लखनऊ स्थित प्रयोगशालाओं में लंबे ट्रायल के बाद इसे तैयार किया था.
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि मंत्रालय के अधीन सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने काफी गहन अध्ययन के बाद बीजीआर-34 नामक तैयार की है जिसमें कई औषधियां हैं जो डायबिटीज को नियंत्रण करने में सहायक सिद्ध होती हैं. इसे एमिल फॉर्मास्युटिकल को आम मरीजों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी है.
उन्होंने बताया कि इस दवा को कई देशों ने कारगर बताया है और अब तक इसके कई सफल ट्रायल हो चुके हैं. देश में 2025 तक 6.99 करोड़ तक डायबिटीज रोगियों की संख्या पहुंच सकती है, इसलिए सरकार आयुष ग्रिड की स्थापना में जुटी है. उन्होंने ये भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष मिशन के तहत 1768.98 करोड़ रुपये का बजट विभिन्न राज्यों को दिया गया है अब तक इसमें से 769.61 करोड़ रुपये का बजट खर्च भी किया जा चुका है.
वहीं डॉक्टरों की बात करें तो देश में आयुष चिकित्सा से करीब 7,99,879 डॉक्टर पंजीकृत हैं. इनमें से 4,43,704 आयुर्वेद जबकि 2,93,455 और 51,110 डॉक्टर क्रमश: होमियोपैथी और यूनानी चिकित्सा की प्रैक्टिस कर रहे हैं. इनके अलावा 9125 और 2425 डॉक्टर क्रमश: सिद्ध और नैचुरोपैथी चिकित्सा की प्रैक्टिस कर रहे हैं.