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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के तहत जहां लाखों परिवारों को निशुल्क उपचार मिल चुका है। वहीं इस योजना के दूसरे चरण में 21 राज्यों में 17 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी शुरू हो चुके हैं, जहां प्रारंभिक जांच में करीब 9 लाख किसानों में मधुमेह रोग की पुष्टि हुई है। जबकि 12 लाख किसान ऐसे भी मिले हैं, जिन्हें तनाव ग्रस्त पाया गया है।

आईसीएमआर-इंडिया डायबिटीज की एक रिसर्च भी सामने आई है, जिसके अनुसार साल 2018 में देशभर में मधुमेह से 73 मिलियन यानि करीब 7 करोड़ 30 लाख लोग पीड़ित मिले हैं। रिसर्च में संभावना जताई गई है कि 2022 तक देश में मधुमेह मरीजों की संख्या 10 करोड़ पार होगी। दुनिया में ये आंकड़ा किसी भी देश के लिए सबसे ज्यादा है। 

मंत्रालय के अनुसार, मधुमेह रोगियों को शुरुआत में ही लाभ देने के लिए सीएसआईआर निर्मित बीजीआर-34 को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में उपलब्ध कराया है। वहीं, इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिसर्च के अनुसार भारत में 20 से 70 वर्ष की आयु के बीच 65, 66.8 और 69.1 मिलियन मरीज क्रमश: वर्ष 2013, 2014 और 2015 में सामने आ चुके हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीति सूदन का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर देशभर में खोले जाने हैं। इनमें से 17 हजार सेंटरों पर मधुमेह, हाइपरटेंशन, पांच तरह के कैंसर, दांत, आंख, कान, नाक, गला और त्वचा रोग से जुड़े उपचार की सुविधा ग्रामीणों को मिल रही है।

उन्होंने बताया कि रविवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाएगा। डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर मंत्रालय ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य-सबको और हर जगह का नारा दिया है। उन्होंने ये भी बताया कि जल्द ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में खोला जाएगा। ताकि ग्रामीणों को गैर संक्रमित रोगों का समय पर उपचार मिल सके।

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